DETAILS, FICTION AND BHAIRAV KAVACH

Details, Fiction and bhairav kavach

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ॐ ह्रीं प्राणापानौ समानं च उदानं व्यानमेव च ।

पातु शाकिनिकापुत्रः सैन्यं मे कालभैरवः ।

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'  



ॐ ह्रीं चण्डभैरवः पातु वक्त्रं कण्ठं श्रीक्रोधभैरवः ।

The strength of the Kaal Bhairav Kavach will not be confined to historical scriptures, it resonates while in the lived ordeals of devotees. Numerous share tales of security in the course of difficult situations, newfound power within the facial area of adversity, and also a profound sense of spiritual direction.

ॐ अस्य श्री बटुकभैरवकवचस्य आनन्द भैरव ऋषि: त्रिष्टुप्छंद: श्री बटुकभैरवो देवता बंवीजं ह्रीं शक्ति: ॐ बटुकायेति कीलकं ममाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।

पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

पूर्वस्यामसिताङ्गो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ॥ ५॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरस्यां तु सर्वदा ।



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पातु शाकिनिकापुत्रः सैन्यं मे कालभैरवः ।

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